Not known Details About Shiv chaisa
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अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी ॥ दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं ।
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
Glory to Girija’s consort Shiva, that is compassionate on the destitute, who generally safeguards the saintly, the moon on whose forehead sheds its wonderful lustre, and in whose ears tend to be shiv chalisa lyricsl the pendants of the cobra hood.
जय सन्तोषी मात अनूपम। शान्ति दायिनी रूप मनोरम॥ सुन्दर वरण चतुर्भुज रूपा। वेश मनोहर ललित अनुपा॥
पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
मुण्डमाल तन क्षार लगाए ॥ वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे ।
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
नमो नमो जय नमः शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥